पांव में चुभन का एहसास

मिला है अगर जीवन को इसे जीना होगा
अमृत समझो या जहर अब तो पीना होगा ।

अपनी अपनी सोच के लिये इसे छोड़ो तुम
किसी के लिये पत्थर तो किसी के लिये नगीना होगा ।

गर बांट सके तो बांट ले दर्द यहां दुखियों का
यही पे काशी यहीं मक्का-मदिना होगा ।

कांटों भरी राह पर भी चलने की आदत डालो
तभी पांव में चुभन का एहसास कभी ना होगा ।

गणित जिन्दगी का होता है बड़ा कठिन दोस्त
तेरा हर सवाल हरदम यहां सही ना होगा ।
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